उत्तराखंड में फटे बादल, हुई भारी तबाही, देखे कैसे रहे हालत
Uttarakhand Weather Rainfall and Alert: एक तरफ 10 मई से चारधाम की यात्रा शुरू होने वाली है. वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड के कई जिलों में बारिश से होने वाली तबाही ने दस्तक दे दी है. अलग-अलग जिलों में भारी बारिश के कारण सड़कों से लेकर घर तक मलबे से भर गए हैं. ऐसे में यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सलामती को लेकर चिंता शुरू हो गई है. यही वजह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक की और राज्य के सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने को कहा है.
उत्तराखंड के जंगलों में धधक रही आग कहर बन कर टूट रही थी लेकिन अब इंद्र देवता इतने मेहरबान हुए कि राज्य में मौसमी मुसीबत का सामना करना पड़ रही है. राज्यों के कई इलाकों में बारिश होने से जंगलों की आग काफी हद तक शांत हो गई है. लेकिन बदले मौसम ने पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया. उत्तराखंड में पहले वनाग्नि और अब बारिश के कहर से लोग डरे हुए हैं. सोमेश्वर क्षेत्र में बुधवार देर शाम बादल फटने से भारी नुकसान देखने को मिला है. बादल फटने के बाद से लोगों के घरों और दुकानों में मलबा घुस गया. बादल फटने के बाद से तबाही का ऐसा मंजर देखने को मिला है जिसमें हर कोई हैरान और परेशान हो गया है . स्थानीय लोगों का कहना है कि देर शाम बारिश तेज होने के साथ अचानक बादल फटने की आवाज आई और बादल फटने के साथ सड़क का मलबा और बोल्डर लोगों के घरों और दुकानों तक पहुंच गए. जिसके बाद कई मकानों और दुकानों की दीवार में दरारें आईं हैं . बादल फटने के कारण अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ने वाला अल्मोड़ा-कौसानी हाईवे बंद हो गया.
बुधवार देर शाम सोमेश्वर क्षेत्र के चनौदा और अघूरिया में अचानक बादल फटा और भारी बारिश हुई। चनौदा में गांव के पीछे की ओर से बारिश का पानी अपने साथ मलबा और बोल्डर बहा लाया। देखते ही देखते मलबा और बोल्डर घरों के आगे पहुंच गए तो लोग बाहर की तरफ दौड़ पड़े। कुछ ही देर में मलबे से कुंवर भाकुनी, सुनील भाकुनी, संजय भाकुनी, बालम भाकुनी, ललित भाकुनी के मकान पट गए। घरों में रखा सामान भी मलबे में दब गया। एक घंटे बाद बारिश थमने के बाद ग्रामीणों ने घरों में पहुंचने की हिम्मत जुटाई। दहशत के कारण ग्रामीण पूरी रात नहीं सो सके। मलबे के नीचे लोगों की गाड़ियां तक दब गई, देखते ही देखते मलबा और बोल्डर घरों के आगे पहुंच गए तो लोग बाहर की तरफ दौड़ पड़े. घरों में रखा सामान भी मलबे में दब गया. अल्मोड़ा-कौसानी हाईवे बंद होने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई. और कई वाहन फंस गए हैं.
मलबे में दबी गाड़ियां
स्थानीय निवासी शंकर सिंह भाकुनी ने बताया कि देर शाम अचानक बारिश तेज होने के साथ जंगल की तरफ बादल फटने की आवाज आई और अचानक सड़क पर मलबा और बोल्डर तेजी से आता हुआ दिखा. इस दौरान वह और उनके अन्य साथी अपनी जान बचाते हुए भागे. उनकी दुकान के अंदर भी काफी नुकसान हुआ है और उनकी एक गाड़ी भी मलबे के नीचे दबी हुई है
किसी भी पार्टी ने नही पूछा हालचाल
स्थानीय निवासी मित्रा सिंह भाकुनी ने बताया कि 5 मिनट में ऐसी आपदा उन्होंने शायद पहले कभी नहीं देखी. बादल फटने के साथ सड़क के साथ खेतों में मलबा और बड़े बोल्डर देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने बताया देर शाम तक कोई भी टीम नहीं पहुंची थी, पर सुबह 10 बजे के बाद टीम ने पहुंच कर मोर्चा संभाला. उन्होंने आरोप लगाया की वोटिंग के समय, तो सभी नेता आ जाते हैं पर इस दुख की घड़ी में कोई भी अभी तक नहीं पहुंचा.
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