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Saturday, 2025 February 08
पुखराज कितने रत्ती का धारण करना चाहिए और इसके फायदे
Updates / 2024/12/21

पुखराज कितने रत्ती का धारण करना चाहिए और इसके फायदे

पुखराज, जिसे टोपाज भी कहा जाता है, ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने वाला एक शक्तिशाली रत्न है। यह बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। लेकिन इसका सही प्रभाव पाने के लिए पुखराज की रत्ती का चयन सही तरीके से किया जाना चाहिए।

पुखराज की सही रत्ती कैसे चुनें?

पुखराज की रत्ती व्यक्ति के वजन और जन्म कुंडली के आधार पर तय की जाती है। आमतौर पर यह माना जाता है कि व्यक्ति के शरीर के वजन के हर 12 किलो पर 1 रत्ती पुखराज की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी का वजन 60 किलो है, तो 5 रत्ती का पुखराज पहनना शुभ होगा।

इसके अलावा, कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। ज्योतिषी की सलाह से पुखराज की सही रत्ती का चयन करना सबसे अच्छा होता है।

पुखराज धारण करने का सही तरीका

धातु का चयन करें:
पुखराज को सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाना चाहिए।

पवित्रता का ध्यान रखें:
पुखराज को गुरुवार के दिन, स्नान करने के बाद, भगवान विष्णु की पूजा के साथ धारण करें।

मंत्र का जाप करें:
पुखराज धारण करते समय बृहस्पति मंत्र "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" का 108 बार जाप करें।

सही उंगली का चयन करें:
इसे दाहिने हाथ की तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) में धारण करना चाहिए।

पुखराज पहनने के लाभ

आर्थिक समृद्धि: पुखराज धारण करने से धन का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
करियर में सफलता: यह रत्न करियर और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता दिलाने में सहायक है।
शादीशुदा जीवन में शांति: विवाहित दंपतियों के बीच आपसी समझ और प्रेम बढ़ाता है।
आत्मविश्वास और सकारात्मकता: यह रत्न मानसिक शांति और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

पुखराज एक दिव्य रत्न है जो जीवन में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। लेकिन इसे धारण करने से पहले कुंडली का विश्लेषण और सही रत्ती का चयन करना जरूरी है। यदि इसे सही तरीके से धारण किया जाए, तो यह व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है।


Frequently Asked Questions

पुखराज धारण करने के लिए सही रत्ती क्या है?
पुखराज की रत्ती व्यक्ति के वजन और जन्म कुंडली के आधार पर तय होती है। आमतौर पर 4 से 7 रत्ती का पुखराज पहना जाता है।
पुखराज किस धातु में धारण करना चाहिए?
पुखराज को सोने या चांदी की अंगूठी में धारण करना शुभ होता है।
पुखराज पहनने का सही समय क्या है?
पुखराज को गुरुवार के दिन, सुबह स्नान के बाद, मंत्रों के साथ धारण करना चाहिए।
पुखराज पहनने से क्या लाभ होता है?
पुखराज पहनने से आर्थिक स्थिति में सुधार, करियर में सफलता और जीवन में शांति मिलती है।
क्या पुखराज सभी के लिए उपयुक्त है?
नहीं, पुखराज धारण करने से पहले कुंडली का विश्लेषण करना जरूरी है।

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