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नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी माँ चंद्रघंटा है, जानिए माँ चंद्रघंटा का प्रिय भोग नवरात्रि मे देवी को जरूर चढ़ाये
Updates / 2024/09/28

नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी माँ चंद्रघंटा है, जानिए माँ चंद्रघंटा का प्रिय भोग नवरात्रि मे देवी को जरूर चढ़ाये

28 September 2024, नवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। इस नौ दिनों तक चलने वाले पर्व में नौ रूपों में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। प्रत्येक दिन एक विशेष देवी का पूजन होता है और उनके अलग-अलग स्वरूपों का महत्त्व होता है। नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो साहस और शक्ति की देवी मानी जाती हैं।

माँ चंद्रघंटा का स्वरूप

माँ चंद्रघंटा का स्वरूप अद्भुत और सौम्य है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र का घण्टा (आभूषण) होता है, जिससे उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। उनका यह रूप अत्यंत शक्तिशाली और उग्र है, परंतु उनकी मुद्रा सदैव शांत और सौम्य रहती है। माँ चंद्रघंटा के दस हाथ होते हैं, जिनमें वे अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं। वे सिंह पर सवार होती हैं, जो उनकी अदम्य शक्ति और साहस का प्रतीक है। माँ का यह स्वरूप भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है और उनके जीवन से भय को समाप्त करता है।

माँ चंद्रघंटा की पूजा का चमत्कारी फल 

नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा विशेष रूप से की जाती है। उनका पूजन करने से मनुष्य के जीवन में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास का संचार होता है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से व्यक्ति हर प्रकार की बाधाओं को पार कर सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। यह दिन उन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जो किसी भय, चिंता या जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे होते हैं। माँ की आराधना से वे सभी समस्याओं से मुक्ति पाते हैं।


माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि

नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि अत्यंत सरल है। इसे भक्तगण श्रद्धा और विश्वास के साथ संपन्न कर सकते हैं।

स्नान और स्वच्छता: माँ चंद्रघंटा की पूजा से पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को स्वच्छ करें।

माँ की मूर्ति या चित्र: पूजा स्थल पर माँ चंद्रघंटा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

पूजन सामग्री: जल, दूध, फूल, चंदन, धूप, दीप, और प्रसाद को पूजा में रखें। नारियल और शहद का भी विशेष महत्व होता है।

मंत्र और स्तोत्र: माँ चंद्रघंटा के मंत्र "ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः" का जाप करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

आरती: अंत में माँ की आरती करें और भोग अर्पित करें। इस दिन मां को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

माँ चंद्रघंटा की कृपा के लाभ

माँ चंद्रघंटा की कृपा से व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार के लाभ होते हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस का विकास होता है। माँ चंद्रघंटा के आशीर्वाद से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है और वे हर प्रकार के भय और चिंताओं से मुक्त हो जाते हैं। साथ ही, माँ की कृपा से जीवन में सभी बाधाएं दूर होती हैं और सफलता की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है।

माँ चंद्रघंटा का विशेष मंत्र
माँ चंद्रघंटा की पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है:

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः  

इस मंत्र का 108 बार जाप करने से मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को असीम साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। माँ की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि का आगमन होता है। यदि आप भी अपने जीवन में साहस और शक्ति की प्राप्ति चाहते हैं, तो माँ चंद्रघंटा की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से जीवन को मंगलमय बनाएं।


Frequently Asked Questions

नवरात्रि के तीसरे दिन किस देवी की पूजा की जाती है?
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो साहस और शक्ति का प्रतीक हैं।
माँ चंद्रघंटा की पूजा का क्या महत्व है?
माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में साहस, आत्मविश्वास, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही सभी प्रकार के संकट और बाधाएं दूर होती हैं।
माँ चंद्रघंटा का स्वरूप कैसा है?
माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र का आभूषण होता है, जिससे उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। वे सिंह पर सवार हैं और उनके दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र होते हैं।
माँ चंद्रघंटा की पूजा कैसे की जाती है?
माँ चंद्रघंटा की पूजा में साफ सफाई, जल, दूध, चंदन, फूल और नारियल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाता है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा से कौन से लाभ होते हैं?
माँ चंद्रघंटा की पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, साहस, और समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।

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