नवरात्रि के पांचवे दिन की देवी स्कंदमाता है, जानिए देवी स्कंदमता की पूजा विधि
1 October 2024, नवरात्रि का पांचवां दिन देवी स्कंदमाता की आराधना के लिए समर्पित होता है। स्कंदमाता का नाम उनके पुत्र स्कंद (भगवान कार्तिकेय) के कारण पड़ा, जिन्हें युद्ध के देवता माना जाता है। देवी स्कंदमाता अपनी गोद में भगवान स्कंद को बिठाए हुए दिखाई देती हैं और उनके चेहरे पर करुणा और शांति का भाव होता है। इस दिन देवी की पूजा से भक्तों को शक्ति, समृद्धि, और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
देवी स्कंदमाता का स्वरूप
देवी स्कंदमाता की चार भुजाएं होती हैं। उनके एक हाथ में भगवान कार्तिकेय हैं, दूसरे हाथ में कमल का फूल है, जबकि बाकी दोनों हाथ आशीर्वाद मुद्रा में होते हैं। देवी का वाहन सिंह है, जो उनके साहस और शक्ति का प्रतीक है। उनकी पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके जीवन से नकारात्मकता का नाश होता है।
देवी स्कंदमाता की प्रिय वस्तुएं और भोग
कमल का फूल:
देवी स्कंदमाता को कमल का फूल अत्यंत प्रिय है। इसे अर्पित करने से जीवन में शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
मिठाई:
देवी स्कंदमाता को सफेद मिठाई जैसे लड्डू और मखाने की खीर का भोग अत्यधिक प्रिय है। इसे प्रसाद स्वरूप अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को शुभ फल प्रदान करती हैं।
धूप-दीप और चंदन:
पूजा के दौरान देवी स्कंदमाता को सुगंधित धूप और दीप जलाकर अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही, चंदन से उनका तिलक करना भी अनिवार्य है।
फल:
देवी को मौसमी फल जैसे सेब, अनार और केला अर्पित करना उत्तम माना जाता है। यह भोग देने से जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है।
देवी स्कंदमाता की पूजा विधि
- प्रातः काल स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- देवी स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक प्रज्वलित करें।
- उन्हें चंदन, फूल, और धूप अर्पित करें।
- सफेद मिठाई और फलों का भोग लगाएं।
- देवी के मंत्र "ॐ देवी स्कंदमातायै नमः" का जाप करें।
- अंत में, प्रसाद को सबमें बांटें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
देवी स्कंदमाता की पूजा से लाभ
सुख-समृद्धि की प्राप्ति:
देवी स्कंदमाता की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
स्वास्थ्य और शांति:
देवी की पूजा से शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है, और सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।
आध्यात्मिक उन्नति:
देवी स्कंदमाता की आराधना से आध्यात्मिक उन्नति होती है और भक्त को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
शत्रु नाश:
देवी स्कंदमाता की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में शांति और विजय का मार्ग प्रशस्त होता है।