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नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी का होता है, जानिए कैसे करे महागौरी की विशेष पूजा और आरती
Updates / 2024/10/02

नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी का होता है, जानिए कैसे करे महागौरी की विशेष पूजा और आरती

2 October 2024, नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा की आराधना का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें हर दिन एक विशेष देवी की पूजा की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा देवी महागौरी को समर्पित होती है। देवी महागौरी की आराधना से भक्तों को मानसिक शांति और सफलता प्राप्त होती है।

महागौरी का महात्म्य
देवी महागौरी को दुर्गा का आठवाँ स्वरूप माना जाता है। उनका वर्ण सफेद और वस्त्र भी सफेद होते हैं, जो उनकी पवित्रता और शुद्धता को दर्शाते हैं। महागौरी का नाम "महागौरी" इसलिए पड़ा क्योंकि उनकी त्वचा का रंग चमकीला और गौर है। देवी महागौरी का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और कृपालु होता है।

महागौरी की उपासना से भक्तों को कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। यह दिन विशेषकर उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो मानसिक तनाव और समस्याओं से जूझ रहे हैं।

महागौरी की पूजा विधि

स्नान और शुद्धता:
पूजा से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें। यह आवश्यक है कि आप मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध रहें।

पूजा स्थान की तैयारी:
देवी महागौरी की प्रतिमा या चित्र को एक साफ स्थान पर रखें। उसके चारों ओर दीपक, अगरबत्ती और फूल रखें।

प्रिय वस्त्र और भोग अर्पित करें:
देवी को सफेद वस्त्र और फूल अर्पित करें। इस दिन विशेष रूप से दूध, दही, और शुद्ध घी का भोग अर्पित किया जाता है।

आरती और प्रार्थना:
पूजा के अंत में देवी की आरती करें और उनके समर्पण में प्रार्थना करें। उन्हें धन्यवाद दें और अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।

महागौरी की आरती

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी

डमरू त्रिशूलधारिणी
पापों का नाश करें
मैया पापों का नाश करें
वृषभ वाहन पे विराजे
वृषभ वाहन पे विराजे
माँ कल्याण करे
ॐ जय जय महागौरी

श्वेत वस्त्र माता का
छवि है मनभावन
मैया छवि है मनभावन
सांचे मन से पुकारो
सांचे मन से पुकारो
माँ देगी दर्शन
ॐ जय जय महागौरी

गौर वर्ण मैया का
साधक रहे प्रसन्न
मैया साधक रहे प्रसन्न
श्रद्धा पुष्प चढ़ाओ
श्रद्धा पुष्प चढ़ाओ
पावन कर लो मन
ॐ जय जय महागौरी

अष्टमी नवराते में
पूजा माँ की करो
पूजा माँ की करो
माँ विपदा है मिटाती
माँ विपदा है मिटाती
माँ का ध्यान धरो
ॐ जय जय महागौरी

अवतार लियो दक्ष ग्रीह
लीला निराली की
मैया लीला निराली की
शिव वैरागी खोये
शिव वैरागी खोये
मोहिनी थी डारी
ॐ जय जय महागौरी

शरणागत की रक्षक
मात भवानी तुम
माता भवानी तुम
सुन लो माता अरज तुम
सुन लो माता अरज तुम
द्वार आये तेरे हम
ॐ जय जय महागौरी

मंदिर में माँ तेरे
सदा ही सुख बरसे
मैया सदा ही सुख बरसे
अन्न धन सब माँ पावे
अन्न धन सब माँ पावे
अपूर्ण नर न रहे
ॐ जय जय महागौरी

माँ महागौरी की आरती
जो नर नित गावे
मैया जो नर नित गावे
भाव सिंधु से तरे वो
भाव सिंधु से तरे वो
व्याधि मिट जावे
ॐ जय जय महागौरी

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी

ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी


Frequently Asked Questions

नवरात्रि का आठवां दिन किस देवी को समर्पित है?
नवरात्रि का आठवां दिन देवी महागौरी को समर्पित है।
देवी महागौरी का स्वरूप कैसा है?
देवी महागौरी का वर्ण सफेद और वस्त्र भी सफेद होते हैं, जो उनकी पवित्रता को दर्शाते हैं।
महागौरी की पूजा का क्या महत्व है?
महागौरी की पूजा से भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
महागौरी को कौन सा भोग अर्पित करना चाहिए?
महागौरी को दूध, दही, और शुद्ध घी का भोग अर्पित करना चाहिए।
महागौरी की पूजा कैसे करें?
स्नान, पूजा स्थान की तैयारी, प्रिय वस्त्र और भोग अर्पित करना, और आरती करना चाहिए।

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