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Saturday, 2025 February 08
कुंडली में चांडाल दोष का अर्थ और इसके निवारण के प्रभावी उपाय
Updates / 2024/12/04

कुंडली में चांडाल दोष का अर्थ और इसके निवारण के प्रभावी उपाय

हिंदू ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के ग्रह योग व्यक्ति के जीवन को गहराई से प्रभावित करते हैं। इन्हीं में से एक है चांडाल दोष, जो गुरु ग्रह (बृहस्पति) और राहु ग्रह के साथ आने से बनता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि चांडाल दोष क्या है और इसे दूर करने के उपाय क्या हैं।

चांडाल दोष का मतलब क्या है?

चांडाल दोष तब बनता है जब कुंडली में बृहस्पति ग्रह राहु या केतु के साथ एक ही भाव में हो।

गुरु ग्रह: ज्ञान, धर्म और शुभता का प्रतीक।
राहु और केतु: भ्रम, छल और नकारात्मक ऊर्जा के कारक।
जब राहु या केतु गुरु के साथ योग बनाते हैं, तो गुरु की शुभता नष्ट हो जाती है और व्यक्ति के जीवन में निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं:

  • निर्णय लेने में कठिनाई।
  • आर्थिक नुकसान।
  • सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी।
  • मानसिक अशांति।
  • वैवाहिक जीवन में समस्याएं।

चांडाल दोष के प्रभाव

चांडाल दोष के प्रभाव व्यक्ति की कुंडली के भाव और स्थिति पर निर्भर करते हैं:

  • धन भाव में: आर्थिक समस्याएं और ऋण।
  • चतुर्थ भाव में: पारिवारिक तनाव।
  • सप्तम भाव में: वैवाहिक जीवन में विवाद।
  • दशम भाव में: करियर में रुकावटें।

चांडाल दोष का निवारण

चांडाल दोष को कम करने के लिए ज्योतिषीय उपाय किए जा सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:

गुरु ग्रह की शांति के उपाय:

  • प्रतिदिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनें और पीली वस्तुओं का दान करें।
  • केले के पेड़ की पूजा करें।

राहु की शांति के उपाय:

  • राहु के मंत्र "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" का 108 बार जाप करें।
  • सरसों का तेल या काले तिल का दान करें।
  • राहु की शांति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें।

यज्ञ और पूजा:

  • गुरु-चांडाल दोष निवारण के लिए विशेष यज्ञ करवाएं।
  • कुंडली में दोष की स्थिति के अनुसार पंडित से परामर्श लें।

दान और सेवा:

  • जरूरतमंदों को पीली वस्तुएं, चने की दाल, और गुड़ दान करें।
  • गाय को चारा खिलाएं।

रत्न धारण करें:

  • गुरु ग्रह के लिए पुखराज रत्न धारण करें।
  • राहु के लिए गोमेद रत्न धारण करें (विशेषज्ञ से परामर्श के बाद)।


Frequently Asked Questions

चांडाल दोष क्या है?
चांडाल दोष गुरु और राहु या केतु के एक ही भाव में आने से बनता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
चांडाल दोष का प्रभाव क्या होता है?
यह दोष मानसिक अशांति, आर्थिक समस्याएं, और वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न कर सकता है।
चांडाल दोष का निवारण कैसे करें?
विष्णु सहस्रनाम का पाठ, राहु और गुरु की शांति के उपाय, और दान से इस दोष को कम किया जा सकता है।
क्या चांडाल दोष हर किसी के लिए समान रूप से प्रभावी होता है?
नहीं, इसका प्रभाव कुंडली के भाव और अन्य ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है।
चांडाल दोष को दूर करने के लिए कौन से रत्न पहनने चाहिए?
पुखराज और गोमेद रत्न (ज्योतिषीय परामर्श के बाद) धारण करें।

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