जनवरी महीने में आने वाली एकादशी तिथियां और उनका महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन व्रत और पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। जनवरी 2025 में दो प्रमुख एकादशी तिथियां पड़ रही हैं - पौष पुत्रदा एकादशी और षट्तिला एकादशी। आइए जानते हैं इनका महत्व और व्रत विधि।
1. पौष पुत्रदा एकादशी (9 जनवरी 2025)
पौष पुत्रदा एकादशी का महत्व संतान की प्राप्ति और उनके कल्याण के लिए होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से माता-पिता की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत रखने वाले भक्त को प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी दल, और प्रसाद अर्पित करना चाहिए।
पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 09 जनवरी को सुबह 10 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 10 जनवरी को सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी शुक्रवार, 10 जनवरी को मनाई जाएगी।
2. षट्तिला एकादशी (24 जनवरी 2025)
षट्तिला एकादशी का महत्व दान और पुण्य से जुड़ा है। इस दिन गरीबों को तिल का दान और उपयोग विशेष फलदायी माना जाता है। व्रत रखने वाले भक्तों को तिल से बने व्यंजन का सेवन करना चाहिए और भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए।
माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 24 जनवरी शाम 05 बजकर 55 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 25 जनवरी को शाम 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, षटतिला एकादशी शनिवार, 25 जनवरी को मनाई जाएगी।
एकादशी व्रत का महत्व और विधि
एकादशी व्रत आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग है। इस दिन सात्विक जीवन शैली अपनानी चाहिए और भगवान विष्णु की कथा, भजन, और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। व्रत में फलाहार का सेवन करें और दिनभर भगवान का ध्यान करें।
एकादशी व्रत के लाभ
पापों से मुक्ति मिलती है।
मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
भगवान विष्णु की कृपा से सभी कष्टों का निवारण होता है।
जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।
इस प्रकार, जनवरी महीने में आने वाली एकादशी तिथियां न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आत्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। इन तिथियों पर व्रत और पूजा अवश्य करें और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करें।