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Monday, 2024 December 02
हेमंत ऋतु का वर्णन हिन्दी मे विस्तार से जाने।
Updates / 2024/01/05

हेमंत ऋतु का वर्णन हिन्दी मे विस्तार से जाने।

हेमन्त ऋतु (Hemant Season):  भारत की 6 ऋतुओं में से एक ऋतु है। विक्रमी संवत के अनुसार हेमंत ऋतु में कार्तिक, अगहन और पौष मास पड़ते हैं। इस ऋतु में शरीर प्राय स्वस्थ रहता है। पाचन शक्ति बढ़ जाती है। शीत ऋतु दो भागों में विभक्त है। हल्के गुलाबी जाड़े को हेमंत ऋतु का नाम दिया गया है और तीव्र तथा तीखे जाड़े को शिशिर। दोनों ऋतुओं ने हमारी परंपराओं को अनेक रूपों में प्रभावित किया है। हेमंत ऋतु नवंबर से जनवरी तक होती है। इस ऋतु में मौसम शीतल होता है। दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। इस ऋतु में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। इस ऋतु में कई त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे छठ पूजा, भाई दूज आदि।

इस ऋतु में मौसम मध्यम शीतल होता है क्योंकि पृथ्वी की सूर्य से दूरी अधिक हो जाने की वजह से तापमान प्रति वर्ष ,कुछ महीनों के लिए कम हो जाता है। यह ऋतु अपने सुहावने एवं लुभावने मध्यम ठंडे मौसम के लिए जानी जाती है। इस कारण से यह ऋतु ‌‌‌सैलानियों को बहुत पसंद होती है। स्वास्थय की दृष्टि से भी यह ऋतु बहुत लाभदायक होती है। इस ऋतु मे गर्म कपड़े पहनना एवं आग के सामने बैठना आदि अच्छा होता है ताकि शरीर को गर्म रखा जा सके। इस ऋतु के कुछ दुष्प्रभाव भी है जैसे- कुछ लोग ठंड सहन न करने के कारण बीमार हो जाते है। दीवाली, बिहू आदि इस ऋतु मे मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार है। हेमंत ऋतु प्रकृति मे एक आनंद एवं उत्साह भर देती है और चारों और हरियाली ही हरियाली दिखाई देने लगती है। आयुर्वेद में हेमंत ऋतु को सेहत बनाने की ऋतु कहा गया है। हेमंत में शरीर के दोष शांत स्थिति में होते हैं। अग्नि उच्च होती है इसलिए वर्ष का यह सबसे स्वास्थ्यप्रद मौसम होता है, जिसमें भरपूर ऊर्जा, शरीर की उच्च प्रतिरक्षा शक्ति तथा अग्नि चिकित्सकों को छुट्टी पर भेज देती है। इस ऋतु में शरीर की तेल मालिश और गर्म जल से स्नान की आवश्यकता महसूस होती है। कसरत और अच्छी मात्रा में खठ्ठा-मीठा और नमकीन खाद्य शरीर की अग्नि को बढ़ाते हैं। हेमंत ऋतु में शीत वायु के लगने से अग्नि ‌‌‌वृद्धि होती है।

आयुर्वेद में हेमंत ऋतु को सेहत बनाने की ऋतु कहा गया है। हेमंत में शरीर के दोष शांत स्थिति में होते हैं। अग्नि उच्च होती है इसलिए वर्ष का यह सबसे स्वास्थ्यप्रद मौसम होता है, जिसमें भरपूर ऊर्जा, शरीर की उच्च प्रतिरक्षा शक्ति तथा अग्नि चिकित्सकों को छुट्टी पर भेज देती है। इस ऋतु में शरीर की तेल मालिश और गर्म जल से स्नान की आवश्यकता महसूस होती है। कसरत और अच्छी मात्रा में खठ्ठा-मीठा और नमकीन खाद्य शरीर की अग्नि को बढ़ाते हैं। हेमंत ऋतु में शीत वायु के लगने से अग्नि वृद्घि होती है। चरक ने कहा है- "शीते शीतानिलस्पर्शसंरुद्घो बलिनां बलीः।
पक्ता भवति..."
शरद के बाद इस ऋतु में मौसम सुहावना होता है। जलवायु अच्छी होती है। तेज धूप से कीड़े-मकोड़ों का संहार हो जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह उत्तम समय होता है। छह-छह मास के दो अयन होते हैं। दक्षिणायन में पावस, शरद और हेमंत ऋतु तथा शिशिर, बसंत तथा ग्रीष्म उत्तरायन की ऋतुएँ हैं।

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Frequently Asked Questions

हेमंत ऋतु क्या है?
हेमंत ऋतु भारतीय परंपरागत पंचांग और साहित्य में लौकिक ऋतुओं में से एक है, जो शरद ऋतु के बाद और शीत ऋतु से पहले आती है।
हेमंत ऋतु के क्या विशेषताएँ हैं?
हेमंत ऋतु में सुहावना मौसम, ठंडक, पत्तियों का गिरना, और शारदीय महिनों की अंतर्दृष्टि होती है।
कौन-कौन से त्योहार हेमंत ऋतु में मनाए जाते हैं?
हेमंत ऋतु में दीपावली जैसे त्योहार मनाए जाते हैं, जो खुशियों और उत्साह का समय होते हैं।
किस प्रकार का पहनावा हेमंत ऋतु में उपयुक्त होता है?
हेमंत ऋतु में शालें, स्वेटर, और अन्य गर्म वस्त्रों का पहनावा उपयुक्त होता है ताकि लोग ठंडक के मौसम में सुरक्षित रह सकें।
हेमंत ऋतु का क्या महत्व है?
हेमंत ऋतु में मौसम का मिलनसर होना, फसलों की कटाई, और विभिन्न त्योहारों का आयोजन महत्वपूर्ण है, जो भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में महत्वपूर्ण हैं।

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