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गणेश चतुर्थी की पूजा में इन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान
Updates / 2024/09/09

गणेश चतुर्थी की पूजा में इन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान

9 September 2024, गणेश भगवान की पूजा के सही नियम: गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग घरों और सार्वजनिक स्थलों पर गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और विधिपूर्वक उनकी पूजा करते हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो सभी बाधाओं को दूर करते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाते हैं। लेकिन, गणेश चतुर्थी की पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है, ताकि पूजा का पूरा फल प्राप्त हो सके।

1. पूजा के समय का ध्यान रखें
गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय मध्यान्ह काल का होता है। यह समय गणेश जी के जन्म का समय माना जाता है, इसलिए इस दौरान पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यदि आप इस समय पूजा नहीं कर सकते हैं, तो सुबह या शाम के समय भी पूजा कर सकते हैं, लेकिन पूजा का समापन मध्यान्ह काल में करना श्रेष्ठ होता है।



2. गणेश जी की मूर्ति का चयन
गणेश जी की मूर्ति हमेशा मिट्टी से बनी होनी चाहिए। प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) या अन्य सामग्री से बनी मूर्तियाँ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, इसलिए इन्हें नहीं चुनना चाहिए। मिट्टी से बनी मूर्ति का विसर्जन करना आसान होता है और यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित होता है।

3. पूजा सामग्री का ध्यान
गणेश जी की पूजा में दूर्वा (दूब घास), मोदक, लड्डू, और सिंदूर का विशेष महत्व होता है। गणेश जी को ये वस्तुएं अत्यधिक प्रिय होती हैं। पूजा के दौरान दूर्वा चढ़ाने से गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और समृद्धि का वास होता है।


4. तुलसी का उपयोग वर्जित
गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी और तुलसी के बीच विवाद हुआ था, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी का उपयोग अशुभ माना जाता है। पूजा के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।



5. गणेश जी की मूर्ति विसर्जन
गणेश चतुर्थी की पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। यह विसर्जन जीवन के अस्थाई स्वरूप और भगवान गणेश के आशीर्वाद की प्रतीकात्मकता को दर्शाता है। विसर्जन का समय सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद किया जाना शुभ माना जाता है।

गणेश चतुर्थी की पूजा में सही विधि और नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर पूजा सही ढंग से की जाए, तो भगवान गणेश अपने भक्तों पर कृपा करते हैं और उनके जीवन से विघ्न-बाधाओं को दूर करते हैं।

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Frequently Asked Questions

गणेश चतुर्थी की पूजा का सही समय क्या होता है?
गणेश चतुर्थी की पूजा का समय सुबह और शाम दोनों में शुभ माना जाता है, परंतु विशेष रूप से मध्यान्ह काल में पूजा करना उत्तम होता है।
गणेश जी की मूर्ति किस सामग्री की होनी चाहिए?
गणेश जी की मिट्टी से बनी मूर्ति को पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे बाद में विसर्जित किया जा सकता है जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता।
गणेश चतुर्थी पर कौन-कौन सी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए?
गणेश जी की पूजा में तुलसी का उपयोग नहीं किया जाता। इसके अलावा पूजा के समय चमड़े से बनी वस्त्र या सामग्री भी नहीं होनी चाहिए।
गणेश चतुर्थी पर कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है?
गणेश जी को मोदक, लड्डू और दूर्वा का प्रसाद अत्यंत प्रिय होता है, इन्हें विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के दिन चढ़ाया जाता है।
गणेश जी की मूर्ति विसर्जन का क्या महत्व है?
गणेश चतुर्थी की पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है, जो जीवन के अस्थाई स्वरूप को दर्शाता है और यह भगवान गणेश को वापस उनके लोक में भेजने की प्रतीकात्मकता है।

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