अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी की जरूर करे पूजा, पूजा का फल और पूरा विधान जाने
अक्षय तृतीया: अक्षय तृतीया हिंदू धर्म की शुभ तिथियों में से एक है। इस दिन को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है, यानि इस दिन बिना पंचांग देखे भी आप कोई शुभ कार्य शुरू कर सकते हैं। माना जाता है कि अगर इस दिन परोपकार करके हम दूसरों का आशीर्वाद लेते हैं तो हमें अक्षय आशीर्वाद की प्राप्ति भी होती है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया पर देवी-देवताओं की पूजा आराधना करना भी शुभ-फलदायक होता है, ऐसे में आइए जानते हैं कि भक्तों को किन देवी-देवताओं की पूजा-आराधना इस दिन करनी चाहिए, और इससे कैसे फल भक्तों को प्राप्त होते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन इन देवी-देवताओं की होती है पूजा
अक्षय तृतीया के दिन यूं तो आप किसी भी देवी-देवता की पूजा कर सकते हैं लेकिन विशेष रूप से इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही माना जाता है की परशुराम जी का जन्म भी इसी दिन हुआ था, परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार माने गए हैं इसलिए परशुराम जी की पूजा भी इस दिन की जाती है। अक्षय तृतीया के दिन अगर आप विधि-विधान से भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा करते हैं तो आपके जीवन में बरकत आती है। गणेश जी आपको बुद्धि और ज्ञान प्रदान करते हैं वहीं माता लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से आपके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती।
अक्षय तृतीया 2024 शुभ पूजा मुहूर्त
वैसे तो अक्षय तृतीया को सर्वसिद्ध मुहूर्त के रूप में जाना जाता है लेकिन इस दिन देवी-देवताओं की पूजा के लिए शुभ-मुहूर्त क्या रहेगा, ये देखना भी जरूरी होता है। साल 2024 में पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
अक्षय तृतीया के दिन पूजा का विधान
अक्षय तृतीया के दिन आपको सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए और स्वच्छ होने के बाद घर के पूजा स्थल की भी सफाई करनी चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत आपको भगवान गणेश की आराधना से करनी चाहिए। इसके बाद माता लक्ष्मी की पूजा में आपको कमल का फूल, कमलगट्टा, हल्दी, नैवद्य आदि अर्पित करने चाहिए। आप सफ़ेद और गुलाबी कोई भी कमल का फूल भगवान को चढ़ा सकते है। आप इस दिन माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए श्रीसुक्त या फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। पूजा के दौरान आपको कुबेर देव के मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः' का जप करना चाहिए। पूजा के बाद आप खरीदारी कर सकते हैं और जरूरतमंदों को दान कर सकते हैं। इस दिन खरीदारी करने और दान करने से आपको अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन माता लक्ष्मी, गणपती, कुबेर और विष्णु भगवान के मंत्रो का उच्चारण करे।
माता लक्ष्मी का मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः:।।
ऊँ श्रीं क्लीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।
ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। ।
गणपती जी का मंत्र- ओम गं गणपतये नमः
कुबेर मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
विष्णु भगवान का मंत्र- ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नमः
अक्षय तृतीया पर दान करने वाली चीजें
- इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इससे जातक को कई तरह से लाभ हो सकता है.
- इस दिन अन्न या अन्न का किसी भी रूप में दान करना शुभ माना जाता है. आप जरूरतमंदों को गेहूं का आटा, चावल, चीनी, दाल जैसे चीजें दान कर सकते हैं.
- जरूरतमंदों को कुछ कपड़े और जूते दान करें. माना जाता है कि इस दिन चप्पल और नए कपड़े दान देने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन दान देने से जातक को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर रखने में मदद मिलती है.
- अक्षय तृतीया के अवसर पर गायों को भोजन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. घर पर ताजा रोटी बनाएं. गाय को ताजा गुड़ के साथ रोटी खिलाएं. इस दिन गौशाला जाकर भी गायों को खाना खिला सकते हैं.
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