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दशहरा पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त
Updates / 2024/10/09

दशहरा पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त

दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख पर्व है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। दशहरे का संबंध रामायण के उस प्रसंग से है जब भगवान राम ने रावण का वध करके माता सीता को वापस लाया था। यह पर्व शक्ति और साहस का प्रतीक है, और इस दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस लेख में हम दशहरा पूजा के शुभ मुहूर्त, विधि और इसके महत्व पर चर्चा करेंगे।

दशहरा 2024 का शुभ मुहूर्त

दशहरा 2024 को 12 अक्टूबर, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन विजय मुहूर्त अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। पूजा के लिए शुभ समय इस प्रकार है:

विजयदशमी यानी दशहरा पर पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 02:2 बजे से दोपहर 02:48 बजे तक रहेगा. ये अवधि कुल 46 मिनट तक की रहेगी. न मुहूर्तों के दौरान दशहरा पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और सभी संकटों का नाश होता है।

दशहरा पूजा की विधि

स्नान और स्वच्छता: पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को साफ करें।

पूजा सामग्री की तैयारी: पूजा के लिए फूल, धूप, दीपक, रोली, चावल, कलावा, नारियल, मिठाई, शस्त्र (यदि उपलब्ध हों), और अन्य पूजा सामग्री एकत्रित करें।

पूजा का आरंभ: पूजा स्थल पर मां दुर्गा और भगवान राम की प्रतिमा रखें। दीपक जलाएं और शस्त्रों की पूजा करें।

मंत्रों का उच्चारण: भगवान राम, मां दुर्गा और रावण-वध से संबंधित मंत्रों का उच्चारण करें। इससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है।

आरती और प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें। प्रसाद में मिठाई और नारियल का विशेष स्थान होता है।


दशहरा पूजा का महत्व

दशहरा का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। रावण का वध भगवान राम द्वारा किया गया था, जो सत्य और धर्म की विजय का संकेत है। यह पर्व हमें साहस, आत्मविश्वास और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। साथ ही, इस दिन शस्त्र पूजा करने से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और विजय की प्राप्ति होती है।

दशहरा पर क्या करें?

शस्त्र पूजा: अपने घर या कार्यस्थल पर शस्त्रों की पूजा अवश्य करें। इससे जीवन में शौर्य और साहस की वृद्धि होती है।

मां दुर्गा की आराधना: इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा करें और उनसे शक्ति और साहस की प्रार्थना करें।

रावण दहन: इस दिन कई स्थानों पर रावण दहन का आयोजन होता है। इसे देखकर अपने अंदर की बुरी आदतों को दूर करने का संकल्प लें।

दशहरा भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हमें सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। इस दिन पूजा-अर्चना और शस्त्रों की पूजा का विशेष महत्व है। सही शुभ मुहूर्त में पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सफलता मिलती है।


Frequently Asked Questions

दशहरा पूजा 2024 का शुभ मुहूर्त क्या है?
विजयदशमी यानी दशहरा पर पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 02:2 बजे से दोपहर 02:48 बजे तक रहेगा. ये अवधि कुल 46 मिनट तक की रहेगी.
दशहरा पूजा किस देवी-देवता की होती है?
दशहरा पूजा में मां दुर्गा और भगवान राम की विशेष पूजा की जाती है। विजय की कामना के लिए शस्त्र पूजा भी की जाती है।
क्या दशहरा के दिन कोई विशेष सामग्री चाहिए?
हाँ, दशहरा पूजा के लिए फूल, नारियल, कलावा, दीपक, धूप, रोली, चावल, मिठाई और शस्त्रों की पूजा सामग्री चाहिए।
दशहरा पर किस दिशा में पूजा करनी चाहिए?
पूजन पूर्व दिशा की ओर मुख करके किया जाना शुभ माना जाता है।
दशहरा पूजा का क्या महत्व है?
दशहरा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इसे विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन रावण पर भगवान राम की विजय का स्मरण कराता है।

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