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क्या है चंद्रयान 3 | पृथ्वी की कशा मे वापस कैसे आया प्रोपल्‍शन मॉड्यूल
Updates / 2023/12/14

क्या है चंद्रयान 3 | पृथ्वी की कशा मे वापस कैसे आया प्रोपल्‍शन मॉड्यूल

क्या है चंद्रयान -3 : चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा नियोजित तीसरा चंद्र अन्वेषण मिशन है. चंद्रयान-2 के बाद, सॉफ्ट लैंडिंग गाइडेंस सॉफ्टवेयर में आखिरी मिनट की गड़बड़ी के कारण लैंडर के सॉफ्ट लैंडिंग प्रयास को सफल ऑर्बिटल इंसर्शन के बाद विफल कर दिया गया था. सॉफ्ट लैंडिंग को प्रदर्शित करने के लिए एक और चंद्र मिशन प्रस्तावित किया गया था. चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का मिशन रिपीट किया गया (Repeat Mission of Chandrayaan -2), लेकिन इसमें चंद्रयान-2 की तरह ही एक लैंडर और रोवर शामिल है. इसमें कोई ऑर्बिटर नहीं है. इस अंतरिक्ष यान को 2023 में प्रक्षेपित करने की योजना की पूरी तैयारी कर 2022 में कर ली गई थी. अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के लिए रॉकेट भी तैयार कर लिया गया था, इसे 14 जुलाई 2023 में लॉन्च किया गया (Chandrayaan will Launched in 2023).

चंद्रयान-3 के लैंडर में केवल चार थ्रॉटल-सक्षम इंजन हैं, चंद्रयान-2 पर विक्रम के विपरीत, जिसमें पांच 800 न्यूटन इंजन हैं, जिसमें पांचवें को एक निश्चित जोर के साथ केंद्रीय रूप से लगाया गया था (Four Throttle-able Engines in Chandrayaan-3). इसके अतिरिक्त, चंद्रयान-3 लैंडर एक लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर (LDV) से लैस है.

पृथ्वी की कशा मे वापस कैसे आया प्रोपल्‍शन मॉड्यूल
चंद्रयान-3 का प्रोपल्‍शन मॉड्यूल यानी पीएम (PM) जो अबतक चांद का चक्‍कर लगा रहा था, इसरो ने उसे वापस पृथ्‍वी की कक्षा में पहुंचा दिया है। चंद्रयान-3 का प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने के लिए एक ट्रांस-अर्थ इंजेक्शन (TEI) मैन्यूवर किया गया। इस मैन्यूवर में, प्रोपल्‍शन मॉड्यूल ने अपने इंजन को जलाकर अपनी गति को बढ़ाया और चंद्रमा की कक्षा से बाहर निकल गया। TEI मैन्यूवर के बाद, प्रोपल्‍शन मॉड्यूल पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गया।

ISRO ने क्यू बुलाया प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस
इसरो ने प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने का प्रयोग भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए किया। इस प्रयोग से इसरो को यह समझने में मदद मिली कि भविष्य के मिशनों में प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाना कितना संभव है।

कब वापस आया प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में लगभग 1 महीने का समय लगा। TEI मैन्यूवर 9 अक्टूबर 2023 को किया गया था और प्रोपल्‍शन मॉड्यूल 22 नवंबर 2023 को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गया था।

मिशन ने दुनियाभर में भारत और हमारी स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) को पॉपुलैरिटी दिलाई है। अब इसरो ने ऐसा कुछ किया है, जिसका किसी को भी अंदाजा नहीं था। चंद्रयान-3 का प्रोपल्‍शन मॉड्यूल यानी पीएम (PM) जो अबतक चांद का चक्‍कर लगा रहा था, इसरो ने उसे वापस पृथ्‍वी की कक्षा में पहुंचा दिया है। इसका सीधा मतलब है कि भविष्‍य में इसरो अपने स्‍पेसक्राफ्ट्स को भी पृथ्‍वी पर वापस ला सकता है। 

रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल 9 अक्‍टूबर को प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को उसकी कक्षा यानी ऑर्बिट बदलने की कमांड दी गई। जिस तरह वह पृथ्‍वी से चांद की ओर गया, उसी तरह चांद से पृथ्‍वी की ओर आने लगा। 22 नवंबर को आखिरी बार प्रोपल्‍शन मॉड्यूल का ऑर्बिट बदला गया। अब यह एक ऐसी कक्षा में है, जहां सेफ है और इसे किसी सैटेलाइट या अन्‍य चीजों से खतरा नहीं है। 

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Frequently Asked Questions

चंद्रयान-3 का प्रोपल्‍शन मॉड्यूल पृथ्वी की कक्षा में कैसे वापस आया?
चंद्रयान-3 का प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने के लिए एक ट्रांस-अर्थ इंजेक्शन (TEI) मैन्यूवर किया गया। इस मैन्यूवर में, प्रोपल्‍शन मॉड्यूल ने अपने इंजन को जलाकर अपनी गति को बढ
इसरो ने प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने का प्रयोग क्यों किया?
इसरो ने प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने का प्रयोग भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए किया। इस प्रयोग से इसरो को यह समझने में मदद मिली कि भविष्य के मिशनों में प्रोपल्‍शन मॉड्यू
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में कितना समय लगा?
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में लगभग 1 महीने का समय लगा। TEI मैन्यूवर 9 अक्टूबर 2023 को किया गया था और प्रोपल्‍शन मॉड्यूल 22 नवंबर 2023 को पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश कर गया था।
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल पृथ्वी की कक्षा में वापस आने के बाद क्या किया जाएगा?
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल पृथ्वी की कक्षा में वापस आने के बाद, इसे एक सुरक्षित कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इस कक्षा में, प्रोपल्‍शन मॉड्यूल का उपयोग भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए डेटा एकत्र करने
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में इसरो की सफलता का क्या महत्व है?
प्रोपल्‍शन मॉड्यूल को पृथ्वी की कक्षा में वापस लाने में इसरो की सफलता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह इसरो के प्रौद्योगिकी के विकास और अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसकी बढ़ती क्षमता का प्रमाण है।

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