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सेब पर मोम क्यू लगाया जाता है? गैर कानूनी नही है यह
Updates / 2024/05/21

सेब पर मोम क्यू लगाया जाता है? गैर कानूनी नही है यह

हम अक्सर बाजार में मिलने वाले सेबों पर एक चमकदार परत देखते हैं। यह परत प्राकृतिक मोम की नहीं, बल्कि कृत्रिम रूप से लगाई गई मोम की होती है। सेब पर मोम लगाने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हमारी ब्लॉग पर बताया गया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक वेजीटेबल वैक्स का फल सब्जियों पर प्रयोग हो सकता है. कुदरती मोम सब्जियों, दालों, खनिजों, चर्बी और फलों से प्राप्त होता है. इसका उपयोग दुनिया में करीब 100 सालों से हो रहा है. 



विशेषज्ञों की मानें तो लगभग हर फल पर कुदरती मोम की एक परत होती है. लेकिन फलों पर अतिरिक्त मोम की परत चढ़ाने की प्रक्रिया दुनिया में करीब 100 सालों से हो रही है. फलों की पैकेजिंग या उसे तोड़ते समय रगड़ से प्राकृतिक मोम की परत उतर जाती है.  इसके बाद, दुनिया भर की सरकारों ने फलों पर मोम लगाने की अनुमति दी ताकि वह ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रह सके. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के मुताबिक वेजीटेबल वैक्स का फल सब्जियों पर प्रयोग हो सकता है.   कुदरती मोम सब्जियों, दालों, खनिजों, चर्बी और फलों से प्राप्त होता है.  भारत में ज्यादातर फलों पर खजूर के पत्तों से मिलने वाले कैरानौबा मोम की परत चढ़ी होती है. 

प्राकृतिक मोम से सेहत को नुकसान नहीं, यह पेट में नहीं घुलता

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो फल, दाल, मधुमक्खी के छत्ते और सब्जियों से मिलने वाले मोम से सेहत को कोई नुकसान नहीं होता है. क्योंकि यह मोम पेट में घुलता नहीं है और मल के रास्ते बाहर निकल जाता है. लेकिन, आजकल घटिया क्वालिटी का मोम इस्तेमाल किया जा रहा है.  इससे किडनी तक में संक्रमण हो सकता है. नसें कमजोर हो सकती हैं. बच्चों में डायरिया का खतरा बढ़ जाता है. 


कैसे खाये सेब 

सेब पर मोम लगी होने के कारण सेब को खाते समय उसका छिलका निकाल कर खाये। छिलके के साथ सेब मत खाये।

सेब पर मोम क्यों लगाई जाती है?

1. ताजगी बनाए रखना:

मोम की परत सेब को नमी खोने से बचाती है, जिससे वे लंबे समय तक ताज़े रहते हैं। यह सेब को सड़ने और विकृत होने से भी बचाता है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।

2. आकर्षण:

मोम सेब को एक चमकदार और आकर्षक रूप देता है, जो उन्हें ग्राहकों के लिए अधिक लुभावना बनाता है। यह उन्हें चमकदार और ताज़ा दिखाता है, जिससे लोग उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित होते हैं।

3. परिवहन में सहायता:

मोम की परत सेब को खरोंच और चोट से बचाती है, जो परिवहन के दौरान अक्सर लग जाते हैं। यह उन्हें एक दूसरे से चिपकने से भी रोकता है, जिससे नुकसान कम होता है।



4. कीटों से बचाव:

कुछ प्रकार के मोम में कीटनाशक गुण होते हैं जो सेब को कीटों और बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। यह उन्हें खराब होने से बचाता है और उनकी गुणवत्ता बनाए रखता है।

5. प्राकृतिक मोम बनाम कृत्रिम मोम:

फलों पर पाया जाने वाला प्राकृतिक मोम, जिसे "ब्लूम" कहा जाता है, कार्बोहाइड्रेट और वसा से बना होता है। यह खाद्य पदार्थ है और इसे हटाने की आवश्यकता नहीं है।

दूसरी ओर, कृत्रिम मोम, जिसे सेब पर लगाया जाता है, विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बना हो सकता है, जैसे कि कार्नुबा मोम, शेलैक और पेट्रोलियम-आधारित मोम। इनमें से कुछ पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए सेब खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोना महत्वपूर्ण है।

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Frequently Asked Questions

सेब पर मोम क्यों लगाते हैं?
1. ताजगी बनाए रखना: मोम की परत सेब को नमी खोने से बचाती है, जिससे वे लंबे समय तक ताज़े रहते हैं। यह सेब को सड़ने और विकृत होने से भी बचाता है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
सेब पर मोम क्यों लगाते हैं?
1. ताजगी बनाए रखना: मोम की परत सेब को नमी खोने से बचाती है, जिससे वे लंबे समय तक ताज़े रहते हैं। यह सेब को सड़ने और विकृत होने से भी बचाता है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
सेब पर मोम क्यों लगाते हैं?
1. ताजगी बनाए रखना: मोम की परत सेब को नमी खोने से बचाती है, जिससे वे लंबे समय तक ताज़े रहते हैं। यह सेब को सड़ने और विकृत होने से भी बचाता है, जिससे उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है।
मोम वाली सेब और फ्रूइट्स कैसे खाये?
सेब पर मोम लगी होने के कारण सेब को खाते समय उसका छिलका निकाल कर खाये। छिलके के साथ सेब मत खाये।
मोम वाली सेब और फ्रूइट्स कैसे खाये?
सेब पर मोम लगी होने के कारण सेब को खाते समय उसका छिलका निकाल कर खाये। छिलके के साथ सेब मत खाये।

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