Trending
Thursday, 2024 December 12
अनंत चतुर्दशी के दिन किस भगवान की पूजा करें और उसकी पूजा विधि
Updates / 2024/09/17

अनंत चतुर्दशी के दिन किस भगवान की पूजा करें और उसकी पूजा विधि

17 September 2024, अनंत चतुर्दशी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, जो भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह पर्व गणेशोत्सव के अंतिम दिन आता है और इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु को अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत रूप में पूजते हैं और उनके आशीर्वाद से सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।



अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है 
अनंत चतुर्दशी का धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा इस दिन की जाती है, जो अनंत काल तक पृथ्वी और ब्रह्मांड की रक्षा करते हैं। मान्यता है कि जो भक्त इस दिन पूरी श्रद्धा से पूजा करते हैं, उनके जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन अनंत धागा बांधने की परंपरा भी है, जिससे जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।


अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा विधि
अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा विधि अत्यंत सरल होती है। इस दिन पूजा करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

स्नान और शुद्धि:
प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और शुद्ध जल से छिड़काव करें।

भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र की स्थापना:
पूजा के लिए भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर रखें। यदि आप विष्णु का अनंत रूप प्राप्त कर सकते हैं, तो उसे भी स्थापित करें।


संकल्प लें:
विष्णु भगवान की पूजा से पहले संकल्प लें कि आप यह पूजा भगवान विष्णु के अनंत रूप की कृपा प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं। संकल्प के बाद पूजा प्रारंभ करें।

धूप-दीप जलाएं:
भगवान विष्णु के समक्ष धूप और दीप जलाएं। दीपक की ज्योति शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।

फूल और अक्षत चढ़ाएं:
भगवान विष्णु को ताजे फूल और अक्षत (चावल) अर्पित करें। तुलसी का पत्ता विष्णु भगवान को अत्यंत प्रिय है, इसे भी अर्पित करें।

अनंत धागा बांधें:
अनंत चतुर्दशी के दिन अनंत धागा बांधने की परंपरा होती है। इस धागे में 14 गांठें होती हैं, जो विष्णु भगवान के 14 रूपों का प्रतीक हैं। पुरुष दाएं हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में यह धागा बांधती हैं।

भगवान विष्णु की आरती करें:
अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। आरती के समय भगवान विष्णु के "अनंत" नाम का जाप करें।

व्रत का पालन:
यदि संभव हो, तो इस दिन व्रत रखें और फलाहार करें। व्रत का पालन करने से भगवान विष्णु की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।



अनंत चतुर्दशी व्रत कथा का महत्व
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा के साथ-साथ व्रत कथा सुनने का भी महत्व है। व्रत कथा का श्रवण करने से भक्तों को जीवन में धर्म और कर्तव्य की प्रेरणा मिलती है। कथा सुनने से व्यक्ति के सभी कष्ट समाप्त होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Tags- अनंत चतुर्दशी, अनंत चतुर्दशी पूजा विधि, अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा, अनंत चतुर्दशी की पूजा कैसे करें, अनंत चतुर्दशी का महत्व, अनंत चतुर्दशी के दिन किस भगवान की पूजा होती है, अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की पूजा विधि, अनंत चतुर्दशी पूजा का महत्व, अनंत चतुर्दशी व्रत और पूजा विधि, अनंत चतुर्दशी की पूजा कैसे करें, anant Chaturdashi me konse bhagwan ki pooja hoti hai aur kaise, anant chaturdarshi ki pooja vidhi


Frequently Asked Questions

अनंत चतुर्दशी के दिन किस भगवान की पूजा की जाती है?
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है।
अनंत चतुर्दशी पर पूजा विधि क्या है?
इस दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करके धूप-दीप, फूल, अक्षत, और तुलसी अर्पित की जाती है। इसके बाद अनंत धागा बांधा जाता है और विष्णु की आरती की जाती है।
अनंत चतुर्दशी पर अनंत धागा बांधने का क्या महत्व है?
अनंत धागा विष्णु के 14 रूपों का प्रतीक है और इसे बांधने से जीवन के सभी संकट समाप्त होते हैं।
क्या अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखा जाता है?
हां, इस दिन व्रत रखने की परंपरा है। फलाहार करके विष्णु भगवान की आराधना की जाती है।
अनंत चतुर्दशी व्रत कथा का क्या महत्व है?
व्रत कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

Tranding