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शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने वाले को किसने दी जान से मारने की धमकी? जानिए पूरी कहानी
Updates / 2024/09/01

शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने वाले को किसने दी जान से मारने की धमकी? जानिए पूरी कहानी

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे दो वरिष्ठ मंत्रियों और एक बर्खास्त पुलिस प्रमुख समेत छह अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा चलेगा. अदालत के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ढाका के मोहम्मदपुर क्षेत्र के एक निवासी द्वारा दायर मामले के आधार पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी ने पुलिस को इसे प्राथमिकी के रूप में दर्ज करने को कहा है.’’ उन्होंने कहा कि मामले में छह अन्य आरोपियों - अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, बर्खास्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अब्दुल्ला अल मामून, ढाका के पुलिस आयुक्त हबीबुर रहमान, अतिरिक्त आईजीपी हारुन-उर-रशीद और अतिरिक्त संयुक्त आयुक्त बिप्लब कुमार - के नाम शामिल हैं.



यह मामला किराने की दुकान के मालिक अबू सईद के एक शुभचिंतक ने दर्ज कराया है. अबू सईद की 19 जुलाई को निकाले गए जुलूस के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई थी. इस बीच, ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, हसीना और छह अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने वाले आमिर हमजा शातिल को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है. खबर में कहा गया है कि मामला दर्ज कराने के कुछ ही समय बाद मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे फ्रांस से शातिल को फोन आया और परिणाम भुगतने की धमकी दी गई.


बांग्लादेश में इस वर्ष जनवरी में हुए चुनाव में लगातार चौथी बार शेख हसीना ने जीत हासिल की थी। लेकिन छह महीने बाद ही उनके खिलाफ आक्रोश इतना उग्र हो गया कि उन्हें इस्तीफा देकर देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।

सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन जुलाई में शुरू हुआ। इस दौरान हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शन 16 जुलाई को हिंसक हो गया, जब प्रदर्शनकारी छात्र सुरक्षा अधिकारियों और सरकार समर्थक कार्यकर्ताओं से भिड़ गए। अधिकारियों को आंसू गैस छोड़नी पड़ी, रबर की गोलियां चलानी पड़ी और देखते ही गोली मारने के आदेश के साथ कर्फ्यू लगाना पड़ा।



पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश के 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत तक सरकारी नौकरियों में आरक्षण था। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और इससे प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के समर्थकों को फायदा हुआ।

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Frequently Asked Questions

शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस किसने दर्ज कराया?
शेख हसीना के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराने वाले व्यक्ति का नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
उस व्यक्ति को जान से मारने की धमकी किसने दी?
धमकी देने वाले का नाम अभी तक गुप्त रखा गया है, लेकिन जांच जारी है।
क्या शेख हसीना को पहले भी इस तरह के आरोपों का सामना करना पड़ा है?
नही, शेख हसीना पर पहले भी कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन वे सभी आरोपों से बरी हो चुकी हैं।
इस मामले की जांच कौन कर रहा है?
इस मामले की जांच बांग्लादेश की स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं।
शेख हसीना पर आरोपों का क्या असर होगा?
शेख हसीना पर लगाए गए आरोपों का कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह का असर हो सकता है, लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

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