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प्रयागराज कुम्भ स्नान के बाद इन जगहो पर भी अवश्य जाये / प्रयागराज के आसपास गुमने की जगह / Places to visit around Prayagraj
Updates / 2024/12/03

प्रयागराज कुम्भ स्नान के बाद इन जगहो पर भी अवश्य जाये / प्रयागराज के आसपास गुमने की जगह / Places to visit around Prayagraj

प्रयागराज कुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में आयोजित होता है। यह आयोजन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर होता है, जिसे तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। कुंभ मेले का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है, जहां करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान, पूजा-अर्चना और आध्यात्मिक अनुभव के लिए आते हैं। यहां का नज़ारा अद्भुत होता है, जहां साधु-संतों के शिविर, प्रवचन, और विभिन्न धार्मिक गतिविधियां पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करती हैं।

प्रयागराज के पास के पर्यटन स्थल
प्रयागराज के आसपास कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जो अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने जाते हैं। संगम के पास आनंद भवन और अल्फ्रेड पार्क जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गवाह रहे हैं। वहीं, 80 किलोमीटर दूर चित्रकूट धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र है, जो रामायण काल से जुड़ा हुआ है। 70 किलोमीटर दूर विंध्याचल देवी मंदिर शक्तिपीठों में से एक है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके अलावा, वाराणसी, सारनाथ और चुनार किला भी प्रयागराज के पास के अद्वितीय पर्यटन स्थलों में शामिल हैं।

प्रयागराज के आसपास घूमने की प्रमुख जगहें

1. संगम (Triveni Sangam)
प्रयागराज की पहचान संगम से है। यह स्थान गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों के मिलन का प्रतीक है। धार्मिक स्नान और पूजा-अर्चना के लिए यह एक अद्वितीय स्थान है।


2. आनंद भवन
नेहरू परिवार का ऐतिहासिक निवास, आनंद भवन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां आपको इतिहास के कई अनमोल क्षण देखने को मिलते हैं।


3. अल्फ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आजाद पार्क)
यह विशाल और हरियाली से भरा पार्क चंद्रशेखर आजाद के बलिदान स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है।


4. श्रीवेनकटेश्वर मंदिर
यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है और इसकी वास्तुकला देखने लायक है। यह स्थान भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।

5. खुसरो बाग
यह ऐतिहासिक स्थल मुगल काल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां मुगल शैली की कब्रें और बगीचे देखने को मिलते हैं।


6. चित्रकूट (80 किमी)
प्रकृति की गोद में बसा यह स्थान रामायण काल से जुड़ा हुआ है। यहां का मंदाकिनी नदी और कामदगिरि पर्वत देखने लायक है।


7. वाराणसी (120 किमी)
यह दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है। यहां के गंगा घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर और सारनाथ बौद्ध स्थल पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं।


8. विंध्याचल (70 किमी)
विंध्याचल देवी मां का प्रसिद्ध मंदिर है, जो शक्तिपीठों में से एक है। यह धार्मिक पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान है।


9. कौशांबी (50 किमी)
यह स्थान बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां अशोक स्तंभ और कई पुरातात्विक स्थल देखे जा सकते हैं।


10. झांसी (230 किमी)
ऐतिहासिक और वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की धरती, झांसी अपने किले और संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है।


प्रयागराज से अयोध्या की दूरी लगभग 167 किलोमीटर है। यह दूरी सड़क मार्ग से तय की जाती है और इसे पूरा करने में लगभग 4-5 घंटे का समय लगता है, यह यातायात और मार्ग की स्थिति पर निर्भर करता है। दोनों स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं, इसलिए यह यात्रा श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष रूप से आकर्षक होती है।

प्रयागराज और इसके आसपास के पर्यटन स्थल न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए मशहूर हैं, बल्कि यह स्थान इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत मेल भी हैं। इन स्थलों पर जाकर आप अपने जीवन को एक नई ऊर्जा और प्रेरणा से भर सकते हैं।


Frequently Asked Questions

प्रयागराज के आसपास घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थान कौन-कौन से हैं?
संगम, आनंद भवन, चित्रकूट, वाराणसी और विंध्याचल प्रयागराज के आसपास के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
प्रयागराज के अंदर घूमने की कौन-कौन सी जगहें हैं?
प्रयागराज में संगम, अल्फ्रेड पार्क, आनंद भवन और खुसरो बाग घूमने के लिए सबसे लोकप्रिय जगहें हैं।
प्रयागराज से चित्रकूट कितनी दूरी पर है?
प्रयागराज से चित्रकूट लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
संगम पर कब जाना सबसे अच्छा रहता है?
संगम पर माघ मेला, कुंभ मेला और अमावस्या के अवसर पर जाना सबसे अच्छा होता है।
वाराणसी से प्रयागराज की दूरी कितनी है?
वाराणसी से प्रयागराज लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है।

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