वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। और कहा FY25 में देश की GDP 6.5-7% के बीच रहेगी.
वर्ष 2024 का आर्थिक सर्वेक्षण: 23 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट (Union Budget 2024) से एक दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण को रखा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई, 2024 को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। यह सर्वेक्षण वित्त वर्ष 2025 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.5% से 7.0% की विकास दर का अनुमान लगता है।
वित्त वर्ष 2024 में देश की इकोनॉमी 8.2% की रफ्तार से बढ़ेगी. आज पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में (Economic Survey 2023–24) इसका अनुमान जताया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान जताया गया है कि FY25 में देश की GDP 6.5-7% के बीच रहेगी. आर्थिक सर्वेक्षण में बैंकों के घटते NPA और आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए LPG, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का भी जिक्र किया गया है. सर्वेक्षण में महंगाई को काबू करने के लिए सरकार के उठाए गए कदमों की सराहना की गई है.
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार की प्रतिबद्धता एक स्वस्थ और स्थिर बैंकिंग सिस्टम को लेकर रही है, इस दिशा में सरकार ने काफी काम किया है. यही वजह रही है कि भारत के के बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्रों ने FY24 में शानदार प्रदर्शन किया है.
महंगाई से चतुराई से निपटा गया
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कैपेक्स पर सरकार के जोर और लगातार बढ़ते निजी निवेश ने पूंजी निर्माण को बढ़ावा दिया है. FY24 में रियल ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन में 9% की ग्रोथ देखने को मिली है.
वैश्विक तनाव, सप्लाई चेन की चिंताओं और मॉनसून की अनिश्चितता से महंगाई पर पड़ने वाले दबाव को प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी से चतुराई से निपटा गया है. यही वजह रही है कि FY23 में औसत 6.7% के बाद, रिटेल महंगाई FY24 में घटकर 5.4% हो गई.
LPG, पेट्रोल, डीजल की कीमतें घटाईं
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार ने LPG, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का ऐलान किया, जिसकी वजह से रिटेल ईंधन महंगाई दर FY24 में नीचे बनी रही. अगस्त 2023 में, LPG कीमतों में 200 रुपये/सिलेंडर की कटौती की गई थी जबकि मार्च 2024 में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये/लीटर की कटौती की गई थी. इन कदमों से पेट्रोल-डीजल की रिटेल महंगाई भी मार्च 2024 में डिफ्लेशन जोन में चली गई.
खाद्य महंगाई चिंता का विषय रही है
खाद्य महंगाई दर पिछले दो वर्षों से वैश्विक चिंता का विषय रही है. भारत में एग्री सेक्टर को बदलते मौसम, घटते जलाशयों और फसल को नुकसान के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसका असर कृषि उत्पादन और खाद्य कीमतों पर पड़ा. नतीजतन, वित्त वर्ष 2023 में महंगाई महंगाई 6.6% थी और वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 7.5% हो गई. हालांकि, FY24 में, केंद्र सरकार के समय रहते दखल और RBI के उपायों ने रिटेल महंगाई को 5.4% पर बनाए रखने में मदद की, जो कोविड महामारी के बाद से सबसे निचला स्तर है.
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